मूत्र प्रतिधारण, गुर्दे और मूत्राशय से राहत मिलती है
2.
मूत्र प्रतिधारण, गुर्दे और मूत्राशय की पथरी
3.
पेशाब की पथरी बनना, मूत्र प्रतिधारण अथवा मूत्र की रुकावर ट्यूमर
4.
इनके अतिरिक्त मूत्र प्रतिधारण (urinary retention), अमूत्रता (anuria), मूत्र अनिग्रह (incontinence), ज्वर, परिस्पृश्य पुंज (palpable mass), बात मूत्रता (pneumaturia), शोफ़ (oedema), उपघात (injury), तथा रक्तमूत्र विषाक्तता (uraemia) आदि भी मूत्ररोग के लक्षण हो सकते हैं।